Tuesday 29 March 2011

एक गाणे "यारी है इमान मेरा"




























































































फ़ार्सी शब्द 
खुदा                         देव
बंदा                          भक्त
हम पियाला             एकत्र पिणारा
हम निवाला             एकत्र जेवणारा
हम सफ़र                सहप्रवासी
हम राज़                  एकमेकांची गुपीते माहीत असणारा
ता कयामत             जगाच्या अंतापर्यंत
साज ए दिल            हृदयाचे वाद्य
नूर                    
फ़िदा                  
सादगी                      
जिंदगी                
बंदगी                
गमगीन              
गुल ए गुलज़ार
बे ज़ार              
नजर                
नज़ारा              
चश्म ए बद -  वाईट नजर
शिकार
हाल ए दिल
हंसी
जवान
ममनून   -   अनुगृहीत
दिलकश
कुरबान







माझा हात

नखे        -    नाखोन
तळहात  -    कफ़ ए दस्त
बोटे        -    अंगोश्त
मनगट   -    मोच ए दस्त
नाडी       -    नब्ज
हात       -     दस्त
कोपर    -     आरंज
बाहू       -     बाज़ू
खांदा     -     शाना

Sunday 27 March 2011

माझे डोके



 डोके    -     सर
 केस    -     मू
 कपाळ   -  पिशानी
 भुवई    -   आबरू
 पापणी  -   पलक ए चश्म
 डोळा     -   चश्म
 नाक    -    दमाग़
 ओठ    -    लब
 तोंड     -   दहान
 हनुवटी -  चाना
 गाल   -    गुना
 चेहरा  -   सुरत
 कान   -   गुश
 पापणी चे केस -  मोजा
 घसा   -   गलू
 मान   -  गर्दन
 खांदा  -   शाना
 जीभ  -   ज़बान
 दात   -   दन्दन

Friday 25 March 2011

वाचन - सोपी वाक्ये

  • उजवीकडून वाचा


من یک کتاب دارم 
म र  दा    ब ता की   क ई  न म
{मन ईक किताब दारम     }
[माझ्याजवळ एक पुस्तक आहे]

او یک قلم دارد 
द र   दा   म ल क  क इ  उ(औ)
{उ इक कलम दारद         }
[त्याच्याजवळ एक लेखणी आहे ]




شما اینجا هستید 
द  स्ति   ह   जा   इं     मा श(शो)
{शोमा इन्जा हस्तीद        }
[तू इथे आहेस            }


این درس آسان است 
स्त  अ   न सा आ   स र द   न ऐ
{ऐन दरस आसान अस्त   }
[हा धडा सोपा आहे      ]


Thursday 24 March 2011

क्रिया विशेषणे

  •   नामाला अना ‘ انه ’ प्रत्यय जोडला की क्रियाविशेषण तयार होते.

शरीफ़ - कुलीन = शरीफ़ाना 
पादशाह - राजा = पादशाहाना

  • किंवा   बा ‘ با ’ प्रत्यय जोडला की क्रियाविशेषण तयार होते.
फ़झल - श्रेष्ठता = बा फ़झल - श्रेष्ठत्वाने
अस्तवारी - निश्चय = बा अस्तवारी
दवलत - संपत्ती = बा दवलत

फार्सी पत्र


Friday 11 March 2011

फार्सी लघुत्व दर्शक शब्द

ह, चा, का, क या प्रत्ययांनी लहानपणा, नाजुकपणा दाखवला जातो.


      ك -  مردك  मर्द - मर्दक -छोटा माणूस 
                              अस्ब - अस्बक - लहान घोडा

अव्यय

दोन शब्द जोडण्याचे काम अव्यय करते. फार्सीत यांचा फार वापर होतो.

बाला - च्या वर
पाईन - खाली
जबर - वर
जेर - खाली
पीश - पूर्वी
पेस - मागे, नंतर
मियान- मध्ये
पहलू - बाजूस
नज्द, नज्दीक -जवळ
बहर, बरायी - च्या कारणाने
बुइरून - बाहेर (बाहेरून)
अन्दरून - आत

(अरबीतून आयात) 
कबल - च्या पूर्वी
बआद - च्या नंतर
जेअहत - च्या दिशेने
जानीब - कडेला

जोडून वापरली जाणारी,
अज, ज- पासून
बर , आबर - च्या वर
बे - ला
बा - सह
दर - च्या आत
रा - कडे, चा
अजबाला - वर पासून
अजफ़राज - उंचापासून
अज पाईन - खालपासून

 उभयान्वयी अव्यये
       व 
       हम, निज - च्या प्रमाणे
       अगर, गर - किंवा
       या - किंवा
       मगर- तरीही
       

Thursday 10 March 2011

वस्तूंच्या जागा

  • वस्तूचे स्थान दाखवताना, ‘खाना, गाह, जार, दान, स्तान’ हे प्रत्यय जोडतात.


गुल इ स्तान  - गुलाबाची बाग
खार इ स्तान -  काटेरी जागा

हेन्दू - काळा = हेन्दूस्तान - काळ्या लोकांचादेश 


नमक जार 
शौर इ जार -   मीठाचे वाळवंट
लाल: -त्युलिप =  लालहजार - त्युलिपचा वाफा


सन्जल - जेवणे (पैसे देऊन) = सन्जलगाह/ सन्जल खाना - खाणावळ
किताब - पुस्तक = किताब खाना - ग्रंथालय




बुत कदा  - मुर्तीसह देऊळ


कलमदान
शमादान


कोह सार - डोंगरी प्रदेश


संग लाख - खडकाळ
दीव लाख - शापित प्रदेश

संज्ञा / substantives( भाववाचकनाम )


  • विशेषणाला ‘ई’ प्रत्यय जोडून भाववाचक नाम बनवता येते, जसे मराठीत ‘-पणा’ जोडतात.

शर्मसार - शर्मसारी- सलज्जता
स(/सि)याह - स(/सि)याही - काळेपणा


  • ‘ه’ ‘ह’ जर शेवटी असेल तर ‘की’ जोडतात
बन्दा- बांधलेला- बन्दकी - गुलामी
बिकाना -नवा- बिकानकी -नाविण्य



  • ‘अ’ जोडूनही करतात 

गरम - गरमा - उब

  • क्रियापदाला( धातूला) अर प्रत्यय जोडून
दीद - पाहा - दीदार -दष्टी
गोफ्त -बोल- गोफ्तार-भाषण


परवर- परवरश
अलाइ-अलाइश



  • कर्ता, करणारा या साठी शेवटी ‘ न्दा ’ जोडतात

फ़रीब- फ़रीबन्दा- फसवणारा
फ़रोश- फ़रोशन्दा- विक्रेता



  • किंवा ‘बान, गर, गार’ हे प्रत्यय जोडतात.
दस्त- हात= दस्तगार- हाताने काम करणारा
अहन -लोह=अहनगर- लोहार
दर- द्वार=दरबान -द्वारपाल



गुणवाचक / Epithets

याचे तीन प्रकार आहेत.

  1. नाम+धातूसाधित विशेषण /कृदन्त 
  2. नाम+विशेषण 
  3. नाम+नाम


  • नाम+धातूसाधित विशेषण /कृदन्त
दिल आजार - हृदय पिळवटणारे
गुल अफ़्शान - फूल चिरडणारे



  • नाम+विशेषण

शिरीन गार - गोड आवाजाचा
खुश अलहान - सदवर्तन



  • नाम+नाम

परी रुई - परीचे मुख असणारी
शीर(शेर)दिल - सिंह हृदयी


याशिवाय उपपद + नाम अशीही गुणवाचके आहेत


हम म्हणजे सह, एकत्र, 


हमखाना - एकाच घरात राहणारे
हम सोहबत - सोबती
हम दम - एकत्र श्वास घेणारे
हम दर्द - एकच वेदना भोगणारे
हम मकतब - एकाच शाळेत जाणारे
हम राज - एकच गुपीत असणारे
हम बिस्तर - एकाच बिछान्यात झोपणारे


ना, कम, बे कमतरता दाखवतात,


नाअ(उ)मीद - निराश
बेअमान - निर्दयी
कमबहा - कमी किमतीचा



  • ना - नाही
  • बे -शिवाय
  • कम - थोडे

नादान - अज्ञानी
नामर्द - पुरुष नसलेला
नापाक - अपवित्र

बेखेरद - संवेदनाशून्य
बे तमीज - भेदभाव न करता
बे मसरफ़ - उपयोगशून्य
बे दीन - अधार्मिक
बे बाक - निष्काळजी

कम तजरबा - कमी अनुभवी
कम बुहा - कमी किमती
कम रीश - पातळ दाढीचा



  • मालकीदर्शक झू, साहब, अमल +नाम

झूजलाल - राजेशाही
अहल हकमत - चातुर्याने
साहब जमाल - सुंदर



  • नाम+वैपुल्य दर्शक सार, किन, मन्द, नाक, वार, वर

शर्म सार - लाजलेला
दानशमन्द -विद्वान
गमगीन - दुःखपूर्ण
जहरनाक - विषारी
जान वर - जीव असलेला



  • नाम + इन

जर इन - सोनेरी
सीम इन - चन्देरी
जमरदीन - पाचूचा बनवलेला

  • समानता दाखवणारा नाम+ सा, असा, वश
अंबर आसा - अ‍ॅंबर सारखा 
माह वश - चंद्रा सारखा
सहरसा - जादूसारखा



  • रंग नाम + फ़ाम, गोन

गुलफ़ाम - गुलाबाच्या रंगाचा

Wednesday 9 March 2011

रंग

रंग -  रंग


काळा - सियाह, मेश्की
निळा - आबी
नेव्ही ब्लू - सुरमेई
टॉरकॉइज - फेरुझी
 तपकिरी -गह्वेइ
हिरवा  - सब्ज
नारंगी - नारेंजी
गुलाबी - सुरती
जांभळा - बनफ़्श
लाल - किर्मिज
पांढरा - सफेद
पिवळा - झर्द


 

मी कुठे आहे?

मागे              अगब
च्या समोर     जेलो ये
दूर                दूर
जवळ            नजदिक
विरुद्ध            मुकाबेल
इथे                इन्जा
तिथे              उन्जा


उत्तर              शोमाल
दक्षिण            जानूब
पूर्व                 शर्घ
पश्चिम            गर्ब

मी कसा आहे?

मी आनंदी आहे         मन खुशाल अम
मी थकलो आहे         मन खस्ते अम
मी हिंदू आहे              मन हेंदू अम
मी तहानेला आहे       मन तेश्ने अम

Tuesday 8 March 2011

फार्सी शिष्टाचार

  • मराठी संभाषणातील शिष्टाचाराप्रमाणेच, फार्सीत नावाने हाक मारत नाहीत. लहान मुले आणि मित्राना नावाने बोलावता येते. 
  • मोठ्यांना आडनावापुढे पुरुष असेल तर आगा, स्त्री असेल तर खानूम या पदव्या श्रीमान, श्रीमती प्रमाणे लावून बोलावतात. कार्यालयात हुद्द्या आधी या पदव्या लावून संबोधित करतात.


काही फार्सी हुद्दे, व्यवसाय 


  • वकील      वकील
  • न्यायाधीश   काझी    
  • सेक्रेटरी     मुन्शी
  • विद्यार्थी     दानेशजू
  • वैज्ञानिक   दानेशमंद
  • बेकार       बिकार
  • कलाकार    हुनरमंद
  • व्यवसायिक ताजेर

  • लोहार        आहनगार
  • सुतार          नजार
  •  लेखक        नविसंद

  • सरकारी नोकर    कारमंद ए दौलत 



Monday 7 March 2011

विभक्ति, विभक्ति प्रत्यय.

मराठीत प्रथमा ते संबोधन अशा आठ विभक्ती आहेत.  त्यांचे कारकार्थ नामाचे वाक्यातील स्थान दाखवतात.
आपण फार क्लीष्टता टाळून पुढे जाऊ.

  • बस गेली.                                              उतुबस रफ्त.

  •  मी शिराझ ला पाहिले.                           मन शिराझ रा दिदम.
  •  
  • मी दिल्लीकडे(ला) गेलो.                         मन  बे दिल्ली रफ़्तम.
  •  
  • मी दिल्ली हून आलो                              मन अझ दिल्ली आमदन.
  •  




Friday 4 March 2011

काही क्रिया

येणे                   आमदन
दूर होणे             तर्क कर्दन
ओळखणे           शिनाख्तन
जाणणे               दानेश्तन
भेटणे                 मलागात (मुलाकात) कर्दन
बोलणे                गोफ़्तन
पाहणे                 दिदन
थांबणे                मंदन
घेणे                    बोरदन
समजणे              फाहमिदन

  1. येथे ‘दन’ हा भाग ‘णे’ सारखा मागे चिकटतो, तो काढला की मूळ धातू मिळतो.
जसे  
वाच णे    मूळ धातू वाच   =  खान दन   मूळ धातू खान.


  • नकारार्थी क्रिया दाखवताना, ‘ना’ क्रियापदा आधी जोडतात.
जसे 
तो दिल्लीला गेला.              उ बे दिल्ली रफ्तम.
तो दिल्लीला नाही गेला.      उ बे दिल्ली ना रफ्तम.


काळ आणि क्रियापदांची रूपे.







बुदन - असणे





वर्तमान     भूत         चालू-भूत     भविष्य
मीहस्तमबुदममिबुदमखाहम बुद
तूहस्तीबुदीमिबुदीखाही बुद
तो,ती,तेहस्तबुदमिबुदखाहद बुद
आम्हीहस्तिमबुदिममिबुदिमखाहिम बुद
तुम्हीहस्तिदबुदिदमिबुदिदखाहिद बुद
तेहस्तंदबुदंदमिबुदंदखाहंद बुद


रफ्तन - जाणे





वर्तमान      भूत          चालू-भूत      भविष्य
मीमिरवमरफ्तममिरफ्तमखाहम रफ्त
तूमिरवीरफ्तीमिरफ्तीखाही रफ्त
तो,ती,तेमिरवदरफ्तमिरफ्तखाहद रफ्त
आम्हीमिरविमरफ्तिममिरफ्तिमखाहिम रफ्त
तुम्हीमिरविदरफ्तिदमिरफ्तिदखाहिद रफ्त
तेमिरवंदरफ्तंदमिरफ्तंदखाहंद रफ्त

क्रियापदे १.१


  • फार्सीत सहयोगी क्रियापदे वापरली जातात. ही इतर क्रियापदांसोबत जोडून वापरली जातात.
  1. बूदन     -अस(णे)
  2. शुदन    -हो(णे)
  3. दाश्तन  -हवे अस(णे)
  4. करदन   -कर(णे)
  5. ख्वास्तन -इच्छ(णे)



क्रियापदे १

फार्सी भाषेत कोणतेही क्रियापद पुरुषदर्शक प्रत्यय लावूनच वापरले जातात.
  1. पुरुष दर्शक प्रत्यय जो मराठी तील "आहे"  प्रमाणे क्रियापदाला  जोडली जातो-

(मी) आहे     आम            आहोत  ऐम
(तू) आहेस    आइ             आहात  ऐद
(तो) आहे      अस्त             आहेत  अंद


  • क्रियापदाचा शेवट ह ने नसेल तर पुरुष दर्शक प्रत्यय जोडताना पहिल्या अक्षराचा लोप होतो,  -म, इ,  स्त, इम, इद, न्द 
  • मी आहे - मनम    
  • तू आहेस -तू आई
  • तो आहे - औस्त

  • भाववाचक नामांनाही, हे प्रत्यय लावले जातात- 
  • शौर्य -(दिलेर)  देलीरी         -मी शूर आहे =  देलीरम






  • मालकी दाखवताना असा उपयोग करतात.


  • माझे पुस्तक         किताब ए मन       किताबम
  • तुझे पुस्तक           किताब ए शोमा    किताबत
                       एक वचन        अनेक वचन
प्रथम पुरुष       अम                 एमान       
द्वितीय पुरुष     अत                  एतान 
तृतीय पुरुष      अश                  एशान


Tuesday 1 March 2011

वारांची नावे

शनिवार  - शंबे
रविवार -    यकशंबे
सोमवार -   दुशंबे
मंगळवार - से:शंबे
बुधवार -    चहारशंबे
गुरुवार -    पंजशंबे
शुक्रवार -   खमसाः,  आदिनः