Monday 21 February 2011

विषेशणे

तरुण:       जवान                     
वृद्ध   :        पीर
आजारी:    बीमार
छान  :       खूब                       मर्द ए खूब    
वाईट:        बद



  • तर तम भाव

तर , तरीन या प्रत्ययांनी तर तम भावाचा बोध होतो.
जसे-
बेह              बेहतर         बेहतरीन

well            better         best


  • हिन्द अज इन्ग्लिश्तान गरमतर
  • भारत इंग्लंड हून अधिक उष्ण

  • शिरीन तरीन मीवाहा अन्गूर
  • सर्वात गोड फळ द्राक्ष

गीन, आगीन, वार, वर, मन्द, नाक, सार, इन, फ़ाम, गुवन या प्रत्ययांना जोडून विषेशण बनवले जाते.


गम - गमगीन - दु:खद
शर्म- शर्म आगीन- लज्जास्पद
शर्म- शर्म सार  - लाजलेला
औमीद - औमीद वार - आशावादी
दानश - दानश उर - ज्ञानी
खेरद - खेरद मन्द - शहाणा
जहर - जहर नाक- विषारी
खौफ़ - खौफ़ नाक - भीती दायक
सा, आसा, वश, आना, शान, वार या प्रत्ययांनी सारखेपणा दाखवतात
मर्द - मर्दाना - पुरुषा सारखे
सिहर - सिहर सा - जादू सारखा
झन - झनाना - स्त्रीयांसाठी योग्य

 काही वेळा द्वित्व ( दोन वेळा ) वापरून मध्ये अलेफ़ लिहीतात.
लब अ लब - लबालब - काठोकाठ
सर अ सर - सरासर - पूर्ण